ऊतक एक प्रकार का संयोजी ऊतक है ,
जो पृष्ठवंशीय जीवों ( Chordates ) का शारीरिक ढाँचा बनाता है
तथा उनके शरीर को आकृति तथा मजबूती प्रदान करता है । अस्थि ऊतक की संरचना - यह एक ठोस , कठोर एवं मजबूत संयोजी ऊतक है
। इसका मैट्रिक्स ओसीन नामक से बना होता है । इसके मैट्रिक्स
में और भी कई प्रकार के प्रोटीन पाए जाते हैं ।
मैट्रिक्स में कैल्सियम तथा मैग्नीशियम के कार्बोनेट्स और फॉस्फेट्स भी पाए जाते हैं ।
निम्न श्रेणी के पृष्ठवंशियों में मैट्रिक्स अस्थि मज्जा के चारों ओर अभिकेन्द्रीय छल्लों में होता है ,
जिन्हें लेमीली कहते हैं । अस्थि कोशिकाएँ ऑस्टियोसाइट्स कहलाती हैं । ये लेमीली के बीच - बीच में स्थित गर्तिकाओं में पाई जाती हैं जो शाखान्वित होती हैं तथा केनालीकुली कहलाती हैं । अस्थि मज्जा मुख्यत : एडीपोज ऊतक तथा रक्त वाहिनियों का बना होता है ।
ऑस्टियोब्लास्ट मैट्रिक्स तथा अस्थि कोशिकाओं का निर्माण करते हैं जिन्हें ऑस्टियोप्लास्टिक सेल भी कहते हैं ।
लम्बी अस्थियों में ऑस्टियोब्लास्ट की एक पर्त अस्थि मज्जा की
बाहरी सतह पर तथा दूसरी पेरीऑस्टियम की भीतरी सतह पर पेरीऑस्टियम अस्थि के चारों ओर कोलेजन संयोजी की एक मोटी पर्त होती है ।
हैवर्सियन तंत्र स्तनी वर्ग की हड्डी की संरचना की विशेषता है । केल्सीफाइड मैट्रिक्स अस्थि मज्जा के चारों ओर अभिकेन्द्रीय छल्लों के रूप में नहीं होता ।
अस्थि के कार्य
1. अस्थि कशेरुक जन्तुओं के शरीर का ढाँचा
2.शरीर को निश्चित आकृति प्रदान करती है तथा सुदृढ़ बनाती
है ।
3. पेशियों को जुड़ने के लिए आधार प्रदान करती है 4. शरीर के कोमल अंगों की रक्षा करती है ।
5. अंगों के संचालन में सहायता करती है । चित्र 7-25
. मेढक के अस्थि की अनुप्रस्थ काट ( T.S. ) |
6. रुधिर कोशिकाओं का निर्माण करती है ।